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टीबी उन्मूलन के लिए जन सहभागिता जरूरी: डॉ. गुलेरी

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धर्मशाला : मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी ने कहा कि क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसकी प्राप्ति के लिए समाज के हर एक वर्ग को मिलकर कार्य करना होगा।

शुक्रवार को जोनल हाॅस्पिटल धर्मशाला में टीबी मुक्त हिमाचल अभियान के तहत आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि सीएमओ डॉ. राजेश गुलेरी ने कहा कि क्षय रोग को लेकर के इस उन्नत समाज में भी इतनी भ्रान्तियाँ और गलतफहमियाँ फैली हुई हैं। समाज को इन भ्रांतियां को मुक्त करने की आवश्यकता है।  उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के अंतर्गत जिला कांगड़ा की 814 पंचायतों मे से 165 ग्राम पंचायत टीबी फ्री ग्राम पंचायत में बाद टीबी मुक्त हो गई हैं।

डॉ राजेश सूद जिला, क्षय रोग अधिकारी कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब सामुदायिक स्तर पर क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम चलाकर जनभागीदारी बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा की टीबी रोग की समय पर जांच टीबी के रोग को फैलने से बचाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है इसका इलाज संभव है। लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत अपनी जांच करवानी चाहिए। डॉ तरुण सूद, जिला कार्यक्रम अधिकारी ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की पहल पर जिला कांगड़ा में ‘निक्षय मित्र’ कार्यक्रम के जरिए टीबी को खत्म का कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद की जा रही है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अब टीबी रोग को खत्म करने के लिए टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को जीपीडीपी (ग्राम पंचायत विकास योजना) के साथ जोड़ा गया है।